
‼बेहतर होगा कि आज का मेरा ब्लॉग ना ही पढ़ें‼ प्लीज़ ! न पढ़ कर आप निराश होने से बच जाएंगे नया साल मुबारक़ हो! ये कहने में मुझे डर लग रहा है दोस्तो!! ✒हरीओम शर्मा
‼बेहतर होगा कि आज का मेरा ब्लॉग ना ही पढ़ें‼
प्लीज़ ! न पढ़ कर आप निराश होने से बच जाएंगे
नया साल मुबारक़ हो! ये कहने में मुझे डर लग रहा है दोस्तो!!
✒हरीओम शर्मा
*पुराना जाता है ।नया आ जाता है। समय केचुली बदलता रहता है ।सांप की तरह। सीधा नहीं चलता कभी। उसकी फितरत ही कुछ ऐसी है। पिछला साल महामारी की भेंट चढ़ गया ।चाइना के एक छोटे से वायरस ने ही हमें अपनी औक़ात दिखा दी।*😨
*ताक़तवर मुल्कों को आईना दिखाने के बाद भी वह अभी मरा नहीं है। देश और भेष बदल -बदल कर हमें डरा रहा है।*
*वक्त हम पर हंस रहा है। बेरहम वक्त को अपने पर ठहाका लगाते देख हम कसमसा रहे हैं। हम ईश्वर को भी तो कुछ नहीं कह सकते क्योंकि यह बुरा वक्त हमारे ही पापों का नतीजा है।कर्मों की ही सज़ा है ।जो सलूक हमने वक्त के साथ किया वहीं वो अब हमारे साथ किए जा रहा है ।*🤷♂️
*