
इमेज स्रोत, Tom Williams-Pool/Getty Images
जिम जॉर्डन
पिछले सप्ताह कैपिटल हिल पर भीड़ के हमले में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर अमेरिका के निचले सदन में उन पर महाभियोग के लिए वोटिंग होने जा रही है. डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति ट्रंप पर संसद पर हमला करने के लिए अपने समर्थकों को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया.
इस घटना में पाँच लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों का भी कहना है कि वे बुधवार को महाभियोग में डेमोक्रेट्स के साथ शामिल होंगे. फ़िलहाल इस मुद्दे पर सदन में बहस शुरू हो चुकी है और कई सांसद अपना पक्ष रख चुके हैं.
बहस के दौरान, ट्रंप के वफ़ादार माने जाने वाले ओहायो के सांसद जिम जॉर्डन ने डेमोक्रेट्स पर दोहरे मापदंड रखने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “रिपब्लिकन जब हर हिंसा की निंदा करते हैं, पिछले साल हुई हिंसा की, पिछले हफ़्ते हुई हिंसा की लेकिन किसी भी तरह हम ही ग़लत हैं. डेमोक्रेट अमेरिका के राष्ट्रपति की जाँच कर सकते हैं लेकिन उस चुनाव की जाँच नहीं करेंगे जिसे लेकर आठ करोड़ अमेरिकी, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को संदेह है.”
जॉर्डन को हाल ही में ट्रंप ने शीर्ष नागरिक पुरस्कार से भी नवाज़ा था.
राष्ट्रपति ट्रंप ने हिंसा के लिए ज़िम्मेदारी लेने से इनकार किया है. नवंबर में आए चुनाव के नतीजों के ख़िलाफ़ ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में एक रैली में अपने समर्थकों से कहा था कि लड़ाई करो. इसके बाद ही पिछले बुधवार को कैपिटल हिल पर ये हिंसा हुई.
इमेज स्रोत, Chip Somodevilla/getty images
स्पीकर नैन्सी पेलोसी दिन के आख़िरी वोट के लिए जाते हुए जहां निचले सदन में ट्रंप पर महाभियोग के लिए वोट हो सकती है.
क्या ट्रंप पर महाभियोग लाया जाएगा?
सदन में डेमोक्रेट्स का बहुमत है और इसलिए वोट पारित होने की संभावना है. इसके बाद मामला सीनेट में जाएगा जहां उनका अपराध तय करने के लिए ट्रायल चलेगा.
ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी, जिसका मतलब है कि कम से कम 17 रिपब्लिकन को इसके पक्ष में वोट करना होगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ 20 रिपब्लिकन सीनेटर राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए तैयार हैं.
ट्रायल आयोजित करने की कोई समय-सीमा नहीं है लेकिन लगता है कि 20 जनवरी से पहले ये ख़त्म नहीं हो पाएगा जिस दिन जो बाइडन को राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई जाएगी.
सीनेट इस ट्रायल में इस बात पर भी वोट करवा सकती है कि ट्रंप फिर कभी राष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल ना हो पाएं. ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार करेंगे.
बुधवार की वोटिंग का मतलब है कि ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे जिन पर दो बार महाभियोग लाया गया.
दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था क्योंकि उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जाँच करने का कहकर क़ानून तोड़ा था. हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था.
इमेज स्रोत, Stefani Reynolds/getty images
रिपब्लिकन क्या कह रहे हैं?
सदन के तीसरे सबसे वरिष्ठ रिपब्लिकन लिज़ चेनी ने महाभियोग का समर्थन करने की बात कही. उन्होंने पिछले हफ़्ते हुई हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि ट्रम्प ने “इस भीड़ को बुलाया, भीड़ को इकट्ठा किया और इस हमले की आंच जलाई”.
पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी की बेटी लिज़ ने कहा, “इससे पहले किसी राष्ट्रपति ने अपने पद और संविधान के प्रति अपनी शपथ के साथ इतना बड़ा विश्वासघात नहीं किया है.”
कम से कम चार अन्य रिपब्लिकन सांसदों ने कहा है कि वे वे भी महाभियोग के लिए वोट करेंगे.
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक़ ट्रम्प के सहयोगी और सदन में रिपब्लिकन नेता केविन मैकार्थी ने कहा कि वे महाभियोग के पक्ष में नहीं हैं लेकिन वे पार्टी के सदस्यों को महाभियोग के ख़िलाफ़ वोट करने के लिए नहीं कहेंगे.
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, सीनेट रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल ने विश्वासपात्रों से कहा कि वह प्रसन्न हैं कि डेमोक्रेट राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाना चाहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे रिपब्लिकन पार्टी को ट्रंप से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी.
इमेज स्रोत, MANDEL NGAN/getty images
राजनीतिक मामलों के संवाददाता एंथनी जर्चर का विश्लेषण
मंगलवार को जब एयरफ़ोर्स वन टेक्सस से डोनाल्ड ट्रंप को वापस ले जाने के लिए उड़ा, तब ट्रंप के पैरों तले राजनीतिक ज़मीन खिसक गई. मिच मैककोनेल के डेमोक्रेट्स की कोशिशों पर ख़ुश होने के संकेत का मतलब है कि संसद में रिपब्लिकन नेताओं के लिए राजनीतिक गणित बदल रहा है.
कई लोगों का मानना है कि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति की हरकतों की वजह से ना सिर्फ़ अमेरिकी लोकतंत्र के लिए ख़तरा पैदा हुआ बल्कि उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए भी.
केपिटल हिल पर हिंसा से पहले भी ट्रंप एक राजनीतिक बोझ के रूप में देखे जा रहे थे जिसकी ताक़त घट रही है. शायद चुनाव परिणामों पर ट्रंप की चुनौती की वजह से रिपब्लिकन जॉर्जिया की दो सीनेट सीट खो बैठे. इस बात के भी सबूत हैं कि ट्रंप का नाम बैलेट पर नहीं होने से पार्टी के लिए चुनावी मौक़ा बढ़ेगा.
अन्य लोगों के साथ मिच मैककोनेल भी सोच रहे होंगे कि ट्रम्प के साथ स्पष्ट दूरी बनाना उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहतर है, फिर भले ही इसका मतलब डेमोक्रेट के साथ मिलकर काम को अंजाम देना हो.