TAMN नेटवर्क
उदयपुर जिले के कोटडा इलाके में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हजारों आदिवासियों का सब्र का बांध टूटा उतरे सड़कों पर पारंपारिक अंदाज में ढोल नगाड़े बजाकर प्रशासन को किया जगाने का प्रयास
स्थानीय संवादाता उदयपुर
उदयपुर के कोटड़ा इलाके में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हजारों आदिवासियों का मंगलवार को सब्र का बांध टूट गया और वे सडकों पर उतर आए. आदिवासियों ने अपने पारंपरिक अंदाज में ढोल नगाड़े बजाकर प्रशासन को जगाने का प्रयास किया. सरकारी रिकॉर्ड में सुविधा सम्पन्न यह क्षेत्र हकीकत में मूलभूत सुविधाओं का पूरी तरह महरूम है. कई बार मांग करने के बावजूद प्रशासन की यहां कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है. लिहाजा इससे उकताए ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सोए हुए प्रशासन को जगाने के लिए अनूठा अंदाज अपनाया.मूलभूत सुविधाओं की मांग कर करके थक चुके आदिवासी पारंपरिक अंदाज में ढोल नगाड़े लेकर सड़कों पर निकले. इस प्रदर्शन में महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरा जोश दिखाया. आदिवासी ढोल नगाड़े बजाते हुए निकले और पूरे कोटड़ा कस्बे में रैली निकालकर बहरे प्रशासन को जगाने की कोशिश की. आदिवासियों की इस रैली का समापन एसडीएम कार्यालय में हुआ. वहां उन्होंने ज्ञापन सौंपकर सरकारी योजनाओं की हकीकत सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने हाथों में लाठियां भी ले रखी थी. रैली को देखते हुए पुलिस भी चौकस रही.उल्लेखनीय है कि आदिवासी अंचल कोटडा में आज भी ऐसे कई गांव हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में तो पूरी तरह से सुविधा सम्पन्न हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति उससे बिल्कुल उलट है. आदिवासियों के विकास के लिए सरकार की ओर से कई तरह योजनाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन उनका जितना फायदा पहुंचना चाहिए उतना नहीं पहुंच पा रहा हे